पूर्व सांसद धनंजय सिंह द्वारा स्वीकृत कराया गया रेलवे फ़्लाईओवर ब्रिज निर्माण समयावधि ने हावड़ा पुल को भी पीछे छोड़ा
जौनपुर- शहर के पॉलीटेक्निक चौराहे के नज़दीक सिटी रेलबे स्टेशन के पास रेलवे लाइन के ऊपर बन ओवर ब्रिज को शायद सरकार यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहरों में शामिल कराना चाहती है तभी आज इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी पुल कब तक बन पायेगा कोई बताने को तैयार नहीं।

कोलकाता की पहचान हावड़ा पुल मात्र छ: वर्षों में बन कर तैयार हो गया था यहाँ तक की देश की सबसे बड़ी पंचायत का भवन जिसे संसद भवन कहते है वह भी छ: वर्षों में बन कर तैयार हो गया था।देश और कोलकाता की पहचान हावड़ा पुल जब सिर्फ़ छः वर्षों में बन कर तैयार हो गया! तो अब जबकि सारे संसाधन उपलब्ध हैं तथा प्रदेश और देश में एक ही सरकार है फिर इसके निर्माण में हो रही देरी शोध का विषय है।
बताते चलें कि जौनपुर के तत्कालीन सांसद धनंजय सिंह ने सांसद रहते इस पुल की स्वीकृति कराई थी। शुरू में तो पुल निर्माण का कार्य काफ़ी तेज़ी से हुआ लेकिन उसके बाद सरकारें बदली और निर्माण कार्य कच्छप गति से चलने लगा और पुल निर्माण कार्य की कछुआ गति आज तक जस की तस बनी हुई है।शायद सरकार और विभाग सो गया है या फिर कोई नई तकनीक से पुल बना रहा है जिस से की इतनी धीमी गति से कार्य हो रहा है।
फ़िलहाल पूर्व सांसद धनंजय सिंह द्वारा प्रस्तावित पुल कब तक बनेगा ये तो वक़्त ही बतायेगा। बताते चलें की जौनपुर को एक मंत्री की भी सौग़ात मिली हुई है,और ये मंत्रीजी जौनपुर सदर से विधायक चुने गये है और ये पुल भी इनके ही विधानसभा क्षेत्र में आता है लेकिन हो सकता है की इनको इस पुल के बारे में जानकारी ही न हो? क्यूँकि शायद इनोवा कार के शीशे से बाहर धुँधला दिखाई देता हो! बाक़ी सत्ताधारी दल के विधायक तो अनगिनत है और इनकी इस पुल के निर्माण को लेकर कितनी रुचि है ये जगज़ाहिर है।
अगर पुल निर्माण की यही रफ़्तार रही तो पुल बने न बने गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ड रिकार्ड और यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहरों में इसको स्थान ज़रूर मिल जायेगा।