मल्हनी/जौनपुर- जैसे जैसे समय बीत रहा है पूरे मल्हनी विधान सभा में निषाद राज के कार्यकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे लाल गमछा से पट रहा है।
बताते चले कि निवर्तमान विधायक मल्हनी पारसनाथ यादव के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव होना है
अब इसे कुर्सी की बढ़ती लालसा ही कहा जा सकता है की क़द्दावर पारसनाथ के स्वर्गवासी होते ही कुछ कथित प्रत्याशी तुरंत दिल्ली मुंबई की गाड़ियों का क़ाफ़िला ले कर निकल दिये प्रचार प्रसार करने हालाँकि ये उनकी निजी सोच हो सकती है की कब कहा कैसे प्रचार करना है हालाँकि क्षेत्र में ये चर्चा का विषय बना हुआ है की एक प्रत्याशी जो की दूसरे विधान सभा के हैं और जो स्वयं ही अपने को एक राष्ट्रीय पार्टी का स्वयं घोषित प्रत्याशी मान कर घूम रहे है और भावी विधायक के रूप में पेश कर रहे हैं।

रहना है तो करना है
पूर्व सांसद ने पहली बार चुनाव जीतते ही एक नई परिपाटी की शुरुआत की कि क्षेत्र में वो या उनके प्रतिनिधि हर वक्त हर जगह लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिये उपलब्ध रहते हैं तभी किसी भी परिस्तिथि में इन्हें पचास हज़ार से ज़्यादा वोट मिल ही जाते हैं जो अन्य दलो के लिये हमेशा ही चिंता का विषय रहा है।
बात पूर्व सांसद धनंजय सिंह की करें तो इनकी धमक पूरे जौनपुर की राजनीति पर है और यहाँ अगर धनंजय सिंह है तो सारी पार्टियाँ इनको ही ध्यान में रखकर अपनी रणनीती बनाती हैं और प्रत्यक्ष या परोक्ष सभी दलो के लोग इनसे मिलते भी रहते हैं।
इधर जब से पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने निषादराज पार्टी से भोजन भरी थाली चुनाव चिन्ह पर विधान सभा चुनाव लड़ने के लिये कमर कस ली है तभी से सभी दलो के समीकरण बिगड़ते नज़र आ रहे हैं।
चुकी मल्हनी क्षेत्र में पूर्व सांसद की उपस्तिथि हमेशा ही बनी रहती है तो पता नहीं चलता की प्रचार कर रहे हैं।
क्यूँकि बाक़ी लोग सिर्फ़ चुनाव के समय ही दिखते हैं।जहाँ लकी यादव जातीय समीकरण पर जीत का दावा ठोकते नज़र रहे हैं वही बसपा प्रभारी सोमवंशी भी पार्टी के परम्परागत वोटों के भरोसे ही हैं। इन सब प्रत्याशियों में पूर्व सांसद धनंजय सिंह ही ऐसे हैं जो क्षेत्र में अपने किये हुए कार्यों ख़ासकर रिकार्ड हैंड पाइप का जो जाल इन्होंने हर वर्ग के यहाँ बिना भेद भाव के लगवाया वो आज तक एक मिसाल माना जाता है और हर वक्त लोगों के बीच अपनी उपस्तिथि के दम पर अच्छा ख़ासा स्वयं का वोट बैंक रखते हैं।
निषाद राज के भाजपा के सहयोग से लड़ने की इच्छा इनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही जता चुके हैं और इनका कहना है की पिछले चुनाव में इनकी पार्टी दूसरे नंबर पर थी और भाजपा चौथे पर इस लिहाज़ से भाजपा और निषाद के गठबंधन को ध्यान में रखते हुए इनकी पार्टी को वरीयता के आधार पर यह सीट मिलनी चाहिये।
इस पर पूर्व सांसद का कहना है की जो पार्टी का निर्देश होगा वो करेंगे हालाँकि पूर्व सांसद ने चुनाव का बिगुल फूंक दिया है और पार्टी का प्रतीक रंग लाल गमछा भी पूरे मल्हनी विधानसभा में दिखने लगा है।
पूर्व सांसद का कहना है की इनके साथ हर वर्ग के लोग जुड़े हैं और मैंने भी ससम्मान हमेशा सबके दुःख सुख में यथासंभव शामिल होने का प्रयत्न किया है।
क्षेत्र में इस बार लोगों का इनके प्रति उत्साह देखते हुए लगता है की इस बार पूर्व सांसद को स्वयं यहाँ की जनता ही विधानसभा भेजने के लिए कमर कस कर तैय्यारी में लग गई है।उम्मीद है कि ये फिर से विरोधियों को कड़ी टक्कर देंगे और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने की पुरज़ोर कोशिश करेंगे।
#मल्हनी विधान सभा क्षेत्र के सर्वे पर आधारित
#संपादक की कलम से