जौनपुर/वाराणसी-जनपद के जैतपुरा थाना क्षेत्र में अधिवक्ता समेत दो लोगों की हत्या में वांछित विवेक सिंह ‘कट्टा’ ने सोमवार को जौनपुर के एससी/एसटी (स्पेशल)कोर्ट में 2019 के पुराने मामले में समर्पण कर दिया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया।
बता दें कि बीते 28 अगस्त को जैतपुरा थाना क्षेत्र के चौकाघाट स्थित काली मंदिर के समीप पूर्वाह्न में अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने हुकुलगंज निवासी अधिवक्ता अभिषेक सिंह ‘प्रिंस’ समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना में एक व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसमें अज्ञात के ख़िलाफ़ एफआइआर दर्ज हुई और इसी मामले में पुलिस शक के आधार पर वांछित शिवपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर मूल निवासी लोहगाजर ,थाना जलालपुर के घर तथा परिचितों के यहाँ दबिश दे रही थी तभी से वह फरार चल रहा था।
पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए आरोपित विवेक सिंह ‘कट्टा’ने गाँव के एक पुराने एससी/एसटी के मामले में पुलिस को चकमा देते हुए समर्पण कर दिया और जेल चला गया।
आपकों बतातें चलें कि यूपी काॅलेज से वर्ष 2007 में विवेक सिंह को निष्कासित कर दिया गया था तथा इस दौरान विवेक सिंह के खिलाफ कई थानों में मुकदमे भी दर्ज हुए।
जैतपुरा हत्या मामले के तार बहुत उलझे हुए है क्यूँकि साल 2013 में मक़बूल आलम रोड पर विवेक सिंह ‘कट्टा’ पर प्राणघातक हमला हुआ जिसमें अभिषेक सिंह उर्फ़ ‘प्रिन्स’ जिसका नाम असलहो की अवैध तस्करी से भी जुड़ा था के ऊपर आइपीसी की धारा 307 के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज हुआ।
साल 2018 में अभिषेक सिंह उर्फ़ ‘प्रिन्स’ के घर में एक हत्या हो जाती है जिसमें विवेक सिंह ‘कट्टा’ और हनी नामज़द हुए किंतु मृतक के घर वालों ने विवेक का हाथ होने से साफ़ इंकार कर दिया और दस महीने की तफ़तीश के बाद पुलिस ने विवेक सिंह ‘कट्टा’आदि का नाम निकाल दिया, वहीं उसी हत्या में अभिषेक सिंह उर्फ़ ‘प्रिन्स’ के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हुआ।
अब जब जैतपुरा का दोहरा हत्याकांड हुआ तो पुलिस इस हत्या को विवेक सिंह ‘कट्टा’ से जोड़कर तफ़तीश कर रही है।
किंतु बक़ौल विवेक सिंह उर्फ़ ‘कट्टा’ वो उस दिन बनारस में था ही नहीं अब देखना है की पुलिस जैतपुरा के असली गुनहगारों को कब और कैसे सामने लाती है।